बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ योजना, भारत सरकार द्वारा “बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” अभियान कब शुरू किया गया था?, बेटी बचाओ, बेटी पढाओ
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य मंत्रालय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं मानव संसाधन विकास की एक संयुक्त पहल के रूप में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना (BBBP) की शुरुवात 22 जनवरी 2015 को की गयी है।
भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है। पर सबसे अधिक दुर्भाग्य की बात यह है कि, बढती जनसंख्या के पश्चात भी लड़कियों का अनुपात घटता जा रहा है। भारत की 2001 की जनगणना के अनुसार, प्रत्येक हजार लड़के पर 927 लड़कियां थीं।
वैसे ये आकड़े 2011 की जनगणना में 943 पर आ गये। बेटियां परिवार, क्षेत्र व् देश की शान होती हैं। आज बेटियां वे समस्त कार्य कर रहीं है, जिन्हें पुरुष कर सकते हैं। वह चाहे युद्धक विमान ( फाईटर प्लेन) चलाना हो, या कोई अन्य मुश्किल कार्य। बेटियां हर क्षेत्र में बराबर की सहभागिता निभा रही हैं।
क्या आपको मालूम है कि, UNICEF ने भारत को बाल लिंग अनुपात में 195 देशों में से 41वां स्थान दिया है। इसका मतलब हम लिंग अनुपात में 40 देशों से पीछे हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ (BBBP) के उद्देश्य
- बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना सरकार द्वारा समाज में केवल जागरूकता फ़ैलाने के लिए शुरू की गयी एक योजना है। जिसके अंतर्गत सीधे तौर पर आर्थिक लाभ नही मिलता है।
- इस योजना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा के माध्यम से लड़कियों को समाजिक और वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाना है।
- इस योजना का उद्देश्य बेटियों के अस्तित्व को बचाना एवं उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत लड़कियों के साथ होने वाले भेदभाव वाले रवैये को समाप्त करना है ।
- लोगों को इसके लिए जागरूक करना एवं महिलाओं के लिए कल्याणकारी सेवाएं वितरित करने में स्वतंत्र बनाना है।
- बालिकाओं को शोषण से बचाना एवं उन्हें सही /गलत के बारे में अवगत कराना है।
- शिक्षा के अलावा बेटियों को अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ाने एवं उनकी इसमें भागीदारी को सुनिश्चित करना भी इसका मुख्य लक्ष्य है।
- इस योजना के अंतर्गत मुख्य रूप से लड़के एवं लड़कियों के लिंग अनुपात में ध्यान केन्द्रित किया गया है। जिसमे महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव एवं सेक्स डेटरमिनेशन टेस्ट को रोका जा सके।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत संचालित की गयी योजनायें
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना का सीधा संबंध किसी पैसे या अन्य जमा से नही है, परन्तु अन्य योजनाओं को अप्रत्यक्ष रूप से BBBP योजना के अंतर्गत लाया गया है। जिसके द्वारा बेटियों के भविष्य को लेकर कुछ बचत के लिए जागरूक हों। इसी प्रकार की कुछ प्रमुख योजनाएं हैं, जो निम्नवत हैं।
- सरकार का विचार है कि, जब बेटी जन्म हो तब उसके माता पिता उसी वक़्त से कुछ न कुछ बेटी के नाम से जमा करें। जो भविष्य में उनके पढाई या विवाह के काम आयेंगे। इसलिए सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनायें लायीं हैं। जिसके अंतर्गत यदि माता-पिता बेटी के भविष्य के लिए कुछ सेविंग करते हैं। तो उन्हें अच्छा रिटर्न ( समय अवधि पूर्ण होने पर मिलने वाला पैसा ) मिले।
- इन योजनाओं में धन लक्ष्मी योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, बालिका संवृद्धि योजना आदि प्रमुख हैं। सरकार द्वारा इन समस्त योजनाओं में से सुकन्या समृद्धि योजना को BBBP योजना पर विचार करते हुए लाया गया है। इसके अंतर्गत इसमें 0 से 10 वर्ष तक की बेटियों का अकाउंट खुलवाया जाता है। मात्र 14 साल तक मासिक या सालाना क़िस्त जमा की जाती है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के मुख्य कारक
- सरकार द्वारा बेटियों के अधिकार के प्रति जागरूक करने के लिए समय-समय पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पोस्टर भी जारी किये जाते हैं। जिसे अलग-अलग तरीकों से दर्शाया जाता है। जिससे समाज में बेटियों के प्रति जागरूकता फैलायी जा सके।
- BBBP को सरकार द्वारा चरणबद्ध तरीके से जारी किया गया। सरकार द्वारा प्रथम चरण में 100 जिलों में इसे जारी किया गया।
- 23 राज्यों के 87 जिले चयनित जिले में ऐसे थे, जिनका लिंगानुपात राष्ट्रीय लिंगानुपात से कम था।
- एवं 8 राज्यों के 8 ऐसे जिलों में विशेष ध्यान दिया गया, जहाँ लड़कियों के जन्मदर में कमी आयी थी।
- सरकार द्वारा 5 ऐसे जिलों का भी चयन किया गया उदाहरण के तौर पर पेश किया गया।
- इन 5 जिलों में बहुत अच्छे परिणाम देखने को मिले। इन जिलों में लिंगानुपात में काफी वृद्धि देखने को मिली ।
- सरकार द्वारा अगले चरण में 11 राज्यों में से 61 ऐसे जिलों का चयन किया गया, जहाँ का लिंगानुपात 918/1000 से कम था।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत आवश्यक दस्तावेज एवं पात्रता
अगर आप इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहतें हैं तो, इस योजना में निम्नवत दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ती है।
- माता-पिता का पैन कार्ड एवं आधार कार्ड
- रजिस्टर्ड मो. नं.
- बेटी का आधार कार्ड
- बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
साथ ही आवेदक भारत का मूल निवासी होना चाहिए। योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए बेटी की उम्र 10 वर्ष होनी चाहिए। एवं बेटी के नाम सुकन्या समृद्धि अकाउंट खुला होना चाहिए।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का आनलाइन आवेदन कैसे करें
- सबसे पहले आवेदक महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की अधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ।
- यहाँ आपके सामने योजना का होम पेज खुल जायेगा।
- होम पेज पर आप स्क्रीन के दिए गये आप्शन पर जाएँ, और यहाँ दिए गये आप्शन में से विमेन एम्पावरमेंट स्क्रीन पर क्लिक करें।
- जिसके पश्चात आपके सामने नया पेज खुल जायेगा।
- आप यहाँ योजना से संबंधित समस्त जानकारी दिशा-निर्देशों को पढ़ सकते हैं। और योजना का आवेदन कर सकते हैं।
बेटी बचाओ बेटी पढाओ का आफ लाइन आवेदन
- योजना का आवेदन करने के लिए आवेदक बैंक या पोस्ट आफिस में जाएँ।
- आपको अपने साथ आवश्यक दस्तावेज लेकर जाने होंगे।
- अब आप यहाँ बेटी बचाओ बेटी पढाओ का आवेदन फार्म लें।
- आवेदन फार्म में आप मांगी जा रही समस्त जानकारियां दें।
- समस्त जानकारी भरने के पश्चात आप फार्म में मांगे गये समस्त दस्तावेजों को संलग्न कर दें।
- अब आप बैंक अथवा पोस्ट आफिस में इसे जमा करवा दें।
- इसके पश्चात आपकी आवेदन प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।